Book Title: Vasant Vilas Fagu
Author(s): Madhusudan Chimanlal Modi
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
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चन्द्रे लाञ्छनला हिमं हिमगिरौ 155- माणं मुंचध देह वल्लहजणे जयति मधुसहायः सर्वसंसारवल्ली. 168 | मुग्धे मान न. ते युक्तं तष कुसुमशरत्वं
38| या कुन्देन्दुतुषारतिलकुसुमलमानां बिभ्रती नासिका 126 ] यात यात किमनेन, तिष्ठता . त्वदग्रसूच्या सचिवेन कामिनोः 72 | यान्ती महेभवदनगमहे दिनो विनोदान्तरितोऽपि याति: 90 | युधद्वयीचित्तनिमजनोचितदीर्घा वन्दनमालिका विरचिंता ... 16 रक्तोत्पलप्रचिराकुञ्चित- ... दुराः स्मरमार्गणाः .....: 88 | | रतिपतिप्रहितेव कृतकुंधः . दोलागतागतविनोदरसेन .....
रसाललालः समदृश्यतामुना 66 ... धनुषी रतिपञ्चवाणयोः 122
| रात्रिः कल्पशतायतेऽपि निगदितुं विधिनाऽपि न शक्यते : 132
वसन्ते.. वासन्ती दुमकुसुम- ...... 42 निपततापि न मन्दरभूभृता 86 |
वसन्तप्रारम्भे चिरविरहखिन्ना... 46 पञ्चाननं परिभवत्युदरेण वेणी- - 128 |
विचिन्वती पान्थपतङ्गहिंसनैः 62 पातकोघृष्टवर्णानां .. पिबन् रसं यथांकामं ...
विश्वप्रयं विजयते मकरध्वजोऽयं 32 पीयूषं विषवद् विसं विशिखयत् 76 वृत्तानुपूर्वं च न चातिदोघैः .. 136 प्रेयसः प्रविशतो हृदालयं ...94 | श्रीमदवसंतऋतुराजविलासभूमिः 8 विबोटे वहुलं न देन्ति मयण 6 श्रोणीचारुरथं पयोधरहयं . 120 भ्रमन् धनान्ते वनमञ्जरीषु : 153/स्निग्धं दृष्टिपथं विभूषितवपुः 30 भिन्दन्तश्चन्दनाली: . 101 स्विधन्मुख स्वीकृतमन्दहासं. 102
मन्दं मन्दमुपैति दक्षिणवधू-..: 26 | सुदतीजनमज्जनापितैर्मसृणैः । ... 18 . मधुरया मधुबोधितमाधवी- 52 | सुषमाविषये परीक्षणे ....... 112 मालतीमुकुले. भाति. ....... 58 स्मरार्धचन्द्रेषुनिभे. क्रशीयसां 68 मालती शिरसि जम्भणोन्मुखी - 106 | संदष्टेऽधरपल्लवे सचकितं . . .. 104 मा पादान्ते विलुठ विरम ... 139 | हृष्टस्मराणि भृशमुत्सुकतागृहीत- 22

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