Book Title: Vasant Vilas Fagu
Author(s): Madhusudan Chimanlal Modi
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 41
________________ पच ४-८.] __ वसंतविलाप्त ईदृग्वसन्तविभवेन यथा यथामी. मौढि क्रमेण दिवसाः परिदर्शयन्ति । . शङ्के पापरिमलेन तथा तथैताः .. श्यामा नवीनवनिता इत्र संकुचन्ति ॥ .. [३] बहिनूए गयइ हिमवंति वसंति लयउ अवतार। . अलि मकरंदिहिं मुहरिया कुहरिया सषि सहकार ।। ५ विबोटे बहुलं न देंति मयणः णो गंधतेल्लाविला वेणीओ विरयंति लेति न तहा अंगम्मि कुप्पासयं । • जंबाला मुहकुंकुमम्मि व घणे विज्जति ढिल्लायरा . तं मण्णे शिशिरं विणिज्जिय बला पत्तो वसंतूसवो ॥ ६ .: [४] . वसंत तणा गुण गहगह्या महमया सवि सहकार । त्रिभुवनि जयजयकार पिका रख करई अपार ॥ ७ : श्रीमद्वसन्तऋतुराजविलासभूमि .. भ्रातर्विभाति सहकारमहीरुहोऽयम् ।। . . तानप्रदायिपु पडङ्घियु कोकिलोऽय. मत्र प्रपञ्चयति कंचन पञ्चमं यत् ॥ 4. घ gives श्रीमद्वसन्त. etc (घ. Sk. St 2) which is verse 8 in क, ख, गb..प्रौढक्रमेण for प्रौढिं क्रमेण in and ख. ... 5. a. के. ग3 and लिड...ख. वहिन हे...अवतार; ग. बहिर्नु ए गयु हिमवंत... लयु... This. verse. is not at all found in घ; thus its stanza . enumeration becomes less by one. b. क. मुरिया कहुरिया...वहिकार; ग़. अलि. मुकरदिहिं मुरिआ कुहुरया सवि सहिकार .. - 6: क, ख and ग contain this Pk. stanza.. There are certain scribal irregularities which have been corrected. Sometimes . e. g. in zand 17, 31 and g before conjuncts are represented by J and s : विबुद्धे, दिति, लिंति etc. . . : a... गरिंगह्या...महिमधा and सहिकार; ख. घणसार for सहकार;. ग. · गहिगया.. b. क. पकारच फरइ; ग पाकारव for पिकारव obvious scribal error. In a every new on. stanza begins with 11. It is a OG. St. 3. . .8. The stanza is different in घ : . गतम.

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