Book Title: Vasant Vilas Fagu
Author(s): Madhusudan Chimanlal Modi
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 44
________________ संतविलासं पच १९-२३ [१०] रंगभूमी संज कारीय झारीय कुंकुम घोल । . . . सोबन सांकल सांधीय बांधीय चंपक दोल ॥ १९ दोलागतागतविनोदरसेन गीत प्रापश्चयन्त सुदृशः श्रितपञ्चमं यत् । तस्य प्रतिध्वनिरिवोपवनाश्रयाणा-. . मश्रावि कण्ठकुहरेषु कुहूकरीणाम् ॥ . [११तिहां विलसइं सवि कामुक जामुक हृदय चह रंगि। . काम जिस्या अलवेसर वेस रचई वर अंगि॥ २१ . हृष्टस्मराणि भृशमुत्सुकताहीत- .. वासोविपर्ययविलोलमृदुस्मितानि । ब्रीडाविकुञ्चितविलोलविलोचनानि यूनां रतान्तललितानि महोत्सवोऽभूत् ॥ २२ . [१२] अभिनव परिसिणगारीय नारीय मिलई विसेसि। . चंदनि भरइं कचोलीय चोलीय मंडन रेसि ॥ २३. , 19. a. फ. कारी शारीअ कुंकुमि; ग. कारीमा कारीब कुंकुम. b. क. सांघिस बाधीअ; ख. चंपकि; ग. सोबनसांकल सांधोम गांधीअ चंपकडोलि; घ. सोवन. ध has this ....८. 20. क, ख, ग have this verse common. क. d. कुहुंकरीणाम् ; as usual. ग has this verse very corruptly written. ध has दीर्घा वन्दनमालिका etc., which is Sk. verse 7 in the printed text, घ has दीर्घा वन्दन. etc verse as लो०...८. 21. a, क. कामुक जामक हृदय चम, ग. तिहां विसलसइ शवि; घ. पनि विलमई... हृदयकई रंगि. b. क. कामु जिसा; ख: वेमु रचर, घ, काम जिसा. घ has द्...No 9. 22 क, ख, ग have this verse in common. क. a. हृष्टः स्मरामि, घ also has this verse with readings: c. विलोकमुहुःस्मितेने. क. d. रतान्तललितानि च तानि तानि. घ has *लो....No. 9. .... 23 a. क. अभिनवि ...शिणगारोय ..मिलीय विवेशिः ख. अभिनव; ग. शणगारीअ नारिस मिलई विशेशि. This verse is found in घ as द् १२. b.क वंदन...चोलीय ग. चंदन भरइ कचोलीय. घ has चंदन वन अवगाही etc as oG St 10; see reading-note on St. 25.

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