Book Title: Vardhaman Tap Mahima Yane Shrichand Kevali Charitram Part 02
Author(s): Siddharshi Gani
Publisher: Sthanakvasi Jain Karyalay
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________________ 3. 1710 कैसे दें। अगर कन्या न दें तो मेरा वचन जाता है और वचन के सामने धन, राज्य और प्राण भी तुच्छ है / . बाद में जिस अंतःपुर में नृत्य, गान प्रादि हो रहे हैं वहां राजा आया। सुलोचना ने पिता को देखकर कहा कि आपके चेहरे पर हर्ष के स्थान पर विषाद क्यों ? राजा ने सारी हकीकत रानी आदि से कही सब चिंतातुर हो गये, तब सुलोचना ने हस कर कहा कि वह .. पुरुष ऐसा नहीं है, यह तो वाणी की विचित्रता है। जो रूप उसने पर्दे के पीछे देखा था उसका वर्णन किया और जो अंगूठी पर नाम पढ़ा था वह बताया। कुल और पिता का नाम बताया। तब तो राजा को बहुत खुशी हुई / राजा ने राजसभा में जाकर ज्योतिषी को बुलबाकर लग्न मुहूर्त निकलवाया। .. राजा ने श्रीचन्द्र को बुलवाने जितनी देर में भेजा उतने समय ___ में तो श्रीचन्द्र वहां से रवाना हो गये थे। मंत्री ने आकर कहा कि महाराज श्रीचन्द्र तो कहीं भी दिखाई नहीं दिये। बाद में व्याकुल राजा ने अंतःपुर, महल, नगर प्रादि सब जगह खोज करवायी पर श्रीचन्द्र तो कहीं नहीं मिले। जिससे सुलोचना मूछित हो गई / शीत उपाय करने से होश आया राजकुमारी रुदन करती तथा दूसरों को रुलाती हुई रात्रि व्यतीत करती है। वह न बोलती है, न खाती है, न पीती है। उसके दुःख के कारण दूसरे लोग भी भोजन नहीं करते / मंत्रियों की समझ में भी नहीं आता कि अब क्या किया जाय / एक वार राजा ने कु:शस्थल से आने वाले यात्रियों से श्रीचन्द्र के समाचार P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust