Book Title: Vardhaman Tap Mahima Yane Shrichand Kevali Charitram Part 02
Author(s): Siddharshi Gani
Publisher: Sthanakvasi Jain Karyalay
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________________ * 63.4 जो भक्षण क ता है / वह घोर नरक में यावत् चन्द्र दिवाकर जब तक है तब तक जाता है। मनु स्मृति में भी मद्य का निषेध है। अग्नि से सात गांव "जलाने से जितना पाप लगता है वह मद्य पान के एक बिन्दु मात्र के भक्षण से लगता है। : इतिहास पुराण में कहा है, श्राद्ध में धर्म इच्छा से मोहित हुआ मद्य को दे तो वह लपट खाने वालों के साथ घोर नरक में जाता है। / रौंगणा, कालिंगा और मूला के भक्षक हैं प्रिया ! वह मूढ आत्मा, " अंतकाल में मेरा स्मरण नहीं करता, जिस घर में अन्न के लिये मूलिये / उबलती हैं, वह घर श्मशानतुल्य हैं और माता-पिता से वर्जित होता है। पद्म पुराण में उड़द, मूग के साथ कच्चा दही, छाछ खाये तो हे / युधिष्ठिर वह मांस समान है ऐसा कहा है। रात्रि भोजन भी नहीं : करना चाहिये। . . .......... ... .. ...... मार्कड पुराण में कहा है, जब सूर्य अस्त हो जाता है तब पानी ... खून समान है और अन्न मांस के. समान है / स्मृति में कहा है, ब्राह्मण 3. जाति को सुबह और सांयकाल भोजन करने का कहा है,. मध्य में नहीं, / मग्नि होम करने वालों की यह विषि है। इत्यादि ऐसा कहकर श्रीचन्द्र .. ; राजा ने भील से कहा कि जब मैं कुशस्थल रहूंगा, तब यह सैनिक मादि .. स्वीकार करुंगा / ऐसी शिक्षा देकर, सुवेग रथ पर. मारुढ होकर कुजब सारथी सहित स्वनगर की रफ़ वेग से प्रयाण करते हुये संध्या समय P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust