Book Title: Vardhaman Tap Mahima Yane Shrichand Kevali Charitram Part 02
Author(s): Siddharshi Gani
Publisher: Sthanakvasi Jain Karyalay

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Page 1
________________ अस्ति सा112 10- 38006 सप्रेम-समर्पण श्री शत्रुजय गिरिराज की छ? तप करके 7 यात्रा 2 बार करने वाले एवं श्री सम्मेतशिखरजी की प्रतिष्ठा प्रादि विविध शासन प्रभावना करने वाले, निस्पृही, विवेकी, मधुरभाषी, तपस्वी, संयमी आदि अनेक गुणालंकृतः पूज्यपाद प्राचार्यदेव श्रीमद् कैलाश सागर सूरीश्वरजी महाराज साहब के कर कमलों में यह चरित्र हार्दिक श्रद्धापूर्वक समर्पित आपका : जयपद्मविजय की कोटिशः वंदना TRA ..SN P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust

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