Book Title: Vardhaman Tap Mahima Yane Shrichand Kevali Charitram Part 02
Author(s): Siddharshi Gani
Publisher: Sthanakvasi Jain Karyalay

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Page 11
________________ * : * बहुत आश्चर्य हुआ, श्रीचन्द्र उस नगर में प्रवेश करने ही वाला था इतने में एक तोती उड़ती हुई घबराई हुई सी वहां पाई और कहने लगी, 'हे मुसाफिर ! इस नगर में मत जानो। इस नगर में जाने वाले को विघ्न पाता है। श्रीचन्द्र ने पूछा कि 'इस नगर और यहां के राजा का क्या नाम . है ? यह नगर शून्य किस तरह हो गया है ? यहां किसका डर है ?' तोती बोली कि 'कुन्डलाचल देश में प्रसिद्ध कुन्डलपुर नाम का यह नगर है यहां अर्जुन नाम का राजा राज्य करता था / उसके पांच रानियां थीं। मुख्य रानी का नाम सुरसुन्दरी था। कुन्डलपुर में 6-7 दिन में एक चोरी हो जाया करती थी। कोतवाल आदि चोर की खोज करते पर चोर पकड़ में नहीं आता था एक रात राजा चोर को पकड़ने निकला। रास्ते में राजा ने किसी को घुमते हुए देखा, राजा ने चुपचाप उसका पीछा किया। चोर समझ गया कि राजा उसका पीछा कर रहा है / चोर ने नगर के बाहर आकर राजा की नजर से बचकर किसी एक मठ के अन्दर जाकर चोरी किया हुअा रत्नों का डिब्बा सोये हुए परिव्राजक के पास रखकर परिव्राजक का वेश पहन क अदृश्य हो गया / जब प्रातःकाल हुया तब अर्जुन राजा ने उस परिव्राजक को चोर समझकर पकड़ लिया और उसे मरवा डाला / वह मृत्यु के बाद राक्षस हुा / " वदला लेने की भावना से उस राक्षस ने यहां के राजा को मार P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust

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