Book Title: Vardhaman Tap Mahima Yane Shrichand Kevali Charitram Part 02
Author(s): Siddharshi Gani
Publisher: Sthanakvasi Jain Karyalay
View full book text
________________ * 76 10 देरासर बनाया इस प्रकार उन्होंने श्रेष्ठ नगरा बसायी / नगरी के चारों तरफ भयंकर जंगल था। पूर्व पुण्य के प्रभाव से चिंतामणी रत्न से और सुवर्ण की खान द्वारा श्रीचन्द्र राजा ने पुण्य महोत्सव, जैन मन्दिर, दानशालायें, प्याऊ, आश्रम और आराम गृहों से सारी पृथ्वी को सुशोभित बना दिया / दानशाला में एक दिन एक मुसाफिर आया था / उसको राजा ने पूछा, तुम कहां से आये हो ? उसने कहा कि मैं कल्याणपुर से कनकपुर होता हुअा अाया हूं। उस देश का राजा कहीं बाहर गया है, उसके राज्य को लेने के लिये 6 राजा चढ़ आये हैं परन्तु वहां के राज्य का गुणी मन्त्री लक्ष्मण चतुरग सेना से युक्त होकर लड़ाई के मैदान में सामने खड़ा हुआ है। तत्काल राजा ने मन्त्रणा करके शत्रु पर गुणचन्द्र प्रादि सैन्य सहित पद्मनाभ राजा को भेजा / राजा श्री चन्द्र सैन्य को उत्साहित करने के लिये थोड़ी दूर तक उनके साथ गये, फिर सूर्य अस्त होने से पहले वापस कुछ सेना साथ लेकर लौट आए / - श्रीगिरी का चारों ओर से निरीक्षण कर किसी रास्ते के छोटे गांव में ठहरे। वहां एक पास की एक शांत झोंपड़ी के पास आये वहां एक मुसाफिर ने कहा कि कल कुन्तलपुर नगर में सुधन सेठ के घर जबरदस्ती से मैं वहां सोया था / वह सेठ कंजूस है उसके चार पुत्र हैं / P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust