Book Title: Vardhaman Tap Mahima Yane Shrichand Kevali Charitram Part 02
Author(s): Siddharshi Gani
Publisher: Sthanakvasi Jain Karyalay
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________________ *138 110 आशातना टालूगा / प्रतिदिन एक हजार श्री महामन्त्र नमस्कार का जाप करुंगा / 300 गाथा का स्वाध्याय करुंगा / एक लाख द्रव्य सात क्षेत्रों में खर्च करुंगा / पहेला स्थूल प्रणातिपात विरमण व्रत, अपराध बिना किसी भी जीव का विकल्प पूर्णक वध नहीं करूंगा और नहीं कराऊंगा / दूसरा स्थूल मृषीवाद विरमण व्रत, पांच प्रकार के बड़े झूठ नहीं बोलूगा / तीसरा स्थूल अदत्तादान विरमण ब्रत , अपराधी सिवायें, कोई भी वस्तु दिये सिवाय ग्रहण नहीं करूंगा / चोथा स्थूल ब्रह्मचर्य व्रत, स्वपत्नियों को छोड़कर जावजीव शीलव्रत पालूगा / पांचवां परिग्रह परिमाण व्रत, नवविध परिग्रह में से तीन खण्ड राज्य के सिवाय का परिग्रह कम करूगा / धन धान्य, रूपा, सुवर्ण, खेत महेल दो पैर वाले, चार पैर वालों आदि का भी प्रमाण रखा / हट्टा दिग परिमाण व्रत, तीन खन्ड में नीचे एक कोस से ज्यादा नहीं, ऊपर नेताढ्य भूमि को छोडकर श्री जिनेश्वर देव की यात्रा सिवाय जाऊंगा नहीं / सातवां भोगोपभोग विरमण व्रत में अनंत काय, अभक्ष्य भोजन का त्याग वस्त्र प्राभूषण का परिमाम, सचित्त वस्तुओं का त्याग, कंद, सूरनकंद, हरी, सोंठ, हरी हल्दी, हरा काचरा, सतावली. वीराली, कुवार पाठा, अदरक, थोर गिलोय, विरूध, लस्सन्न, वांस, करेला, गाजर, लोग्रेन की भाजो, लोढ़ की भाजी, गिरिकरण, कोमल पान, किसलय कोमल-वनशेरुग, थेग, अल मोया, भूमिरुपा, वथुप्रा की भाजी, . Jun Gun Aaradhak Trust P.P. Ac. Gunratnasuri M.S.