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रूपरेखा
जिसने ऐसे रत्नों को पैदा कर भारत का नाम उज्वल किया?
पाठक गण ! आज हम जिस महान् आत्मा का गुणानुवाद करने जा रहे है वे भी उन्हीं उदार आत्माओं में से एक थे । जिन्होंने कि अपना अमूल्य जीवन धर्म के नाम पर न्योछावरकर अपना नाम अमर कर गये । धन्य है उन उदार पवित्र आत्माओं को और धन्य है उनके माता-पिता को जिन्होंने कि अपने हृदय में मोह को तनिक भी स्थान न देकर पुत्र जैसे अनमोल रत्न को सच्चा रत्न बनने का सुअवसर दिया । जिससे वे अपनाही नहीं बल्कि संसार के किचड में फँसनेवाले अनेक प्राणियों के लिये भक्तिमार्ग द्वारा रास्ता साफ कर उन्हें पवित्र जीवन बनाने का सुन्दर पवित्र और सुदृढ रास्ता बता गये ।
परिचय और जन्म
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परमपूज्य प्रातःस्मरणीय जगद्गुरुदेव शासनसम्राट् तपागच्छगगनदिवाकर श्रीमद्विजयहीरसूरीश्वरजी महाराज, जिन्होंने कि मुगलसम्राट् बादशाह अकबर जैसे एक कट्टर विधर्मी को सच्चे अहिंसा धर्म का उपदेश देकर उसे सुपथ का राही बनाया । जिसे आज भी इतिहास डंके की चोट पुकार पुकार कर कहता चला आरहा है । पूज्य पंन्यासजी श्री
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