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चरम तीर्थपति महावीर के ५८ वे पट्टधर मुगलसम्राट् अकबर प्रतिबोधक जगद्गुरुदेव श्रीमद्विजयहीरसूरीश्वरजी के १३ वें पट्टधर चरित्रनायक हुए जिसकी निम्न प्रकार वंशावली
(१) पं. श्री तिलकविजयजी
(२) पं. श्री ऋद्धिविजयजी (३) पं. श्री चारित्रविजयजी
(४) पं. श्री रंगविजयजी
(५) पं. श्री तेजविजयजी (६) पं. श्री यशवंत विजयजी
(७) पं. कुशलविजयजी (८) पं. जितविजयजी
(९) पं. श्री श्रीविजयजी (१०) पं. श्री जय विजयजी (११) पं. हर्षविजयजी (१२) पं. श्री चंद्रविजयजी
(१३) पं. श्री हितविजयजी महाराज
आपके वर्त्तमान शिष्यमण्डल -
(१) आचार्यदेव श्रीमद्विजयहिमाचलसूरीश्वरजी (२) पंन्यासजी श्री कमलविजयजी
(३) प्रवर्तक श्री गुमानविजयजी
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