Book Title: Tattvavetta
Author(s): Pukhraj Sharma
Publisher: Hit Satka Gyanmandir

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Page 14
________________ तत्त्ववेत्ता देश, धर्म और समाज की बलीवेदी पर अपना कर्तव्य समझ कर हँसते-हँसते न्योछावर कर दिया। संसार उनका यशोगान आज तक मुक्त कंठ से करता आया है और भविष्य में भी करता रहेगा । उन उदार एवं पवित्र आत्माओं का नाम मात्र ही कालचक्र की धारों से बच पाया है और कोई भी नहीं। भारत की पवित्र भूमि में महान् आत्माओं का आगमन हुआ, और उन्होंने भारतभूमि को सदा ही अपने किये हुए करतबों द्वारा पवित्र बनाई । इसी प्रकार भारत का राजस्थान प्रांत भी सदा ही वीरता, त्याग-तपस्या और उदारता में आगे रहता आया है । इस प्रान्त में अनेक भक्तों का जन्म हुआ और प्रभुभक्ति में अपना जीवन व्यतीत कर अपने जीवन को सफल बनाया। ___ भारत का तो क्या बल्कि सम्भव है कि विश्व का प्रत्येक मनुष्य भक्त मीराबाई का नाम जानता ही होगा। जिसने अद्भुत भक्ति की धारा में बह कर अपने जीवन के कालेपन को धोकर उसे पवित्र बनाने का प्रयत्न कर मोक्षप्राप्ति का साधन बनाया । मीराबाई राजस्थान के मेडता नामक स्थान में जन्म पाकर उस छोटे से शहर को विश्वख्याति प्राप्त करा गई। धन्य है उस पवित्र आत्मा को तथा उस भूमि को कि Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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