________________
७५ करज ए नीच रज ( क + रज) छे करज ए गमना
हाथथी नीपजे ती वस्तु छे, ( कर+ज) कर ए राक्षसी राजानी जुलमी कर उपरावनार छ ए होय
तो आजे उतारजे, अने नवु करता अटकजे ७६ दिवस सवधी कृत्यना गणितभाव हवे जोई जा ७७ सवारे स्मृति पापी छे छता कई अयोग्य ययु होय तो
पश्चात्ताप पर बने शिक्षा रे ७८ कई परोपकार दान, लाभ के अयनु हित करीने
आन्यो हो तो आनद मान, निरभिमानी रहे ___७९ जाणता अजाणता पण विपरीत थयु होय तो हवे ते
माटे अटकजे ८० व्यवहारना नियम राखजे भने नवराशे ससारनी
निवृत्ति शोधजे ८१ आज जेयो उत्तम दिवम भोगव्यो, तवी तारी जिंदगी
भोगववाने माटे तु आनदित्त था तो ज आo८२ आज जे पळे तु मारी पथा मनन कर छे, ते ज ताफ
आयुष्य समजी सवृत्तिमा दोराजे ।