________________
संस्कृत छाया
श्रीकान्ताया जनितो धनदेवेन तु बालक एषः । मात- पित्रर्थनामा श्रीदेवो नामैतस्य ।। २५ ।।
गुजराती अनुवाद
२५. (पुत्रनुं नामकरण) - श्रीकांता अने धनदेवनो आ बालक छे. मातापितानुं अड़धा-अड़धा नाम सहित आ बालकनुं नाम 'श्रीदेव' थाओ. हिन्दी अनुवाद
श्रीकान्ता और धनदेव दोनों का यह बालक है, इसलिए माता-पिता दोनों आधे नाम के साथ इस बालक का नाम 'श्रीदेव' हो ।
गाहा
अइसोहणं हि नामं विहियं देवीइ इय भणंतेण । अविहव-नारि- गणेणं मंगल- सद्दो समुग्घुट्ठो ।। २६ ।।
संस्कृत छाया
अतिशोभनं हि नाम विहितं देव्येति भणता । अविधवानारीगणेन मङ्गलशब्दः समुद्घष्टः ।। २६ ।।
गुजराती अनुवाद
२६. महाराणी वड़े अति सुंदर नाम रखायुं, एम कहेती सोहागणनारी ओए मंगल शब्द गुंजाव्यो !
हिन्दी अनुवाद
महारानी ने बहुत सुन्दर नाम रखा, ऐसा कहकर सुहागन महिलाओं ने मंगल शब्द गाए।
गाहा
अह तं मणहर-देहं मुट्ठीकय-कर- - जुयं विसालच्छं । सुकुमाल-पाणि-पायं दट्ठूण विचिंतए देवी ।। २७ ।।
संस्कृत छाया
अथ तं मनोहरदेहं मुष्टिकृतकरयुतं विशालाक्षम् । सुकुमारपाणिपादं छष्ट्वा विचिन्तयति देवी ।। २७ ।।