________________
गुजराती अनुवाद
१९१. प्राप्त करेला पाटीयावाली हुं सोवरनां किनारे उतरी. अने अयथी डरेली तथा थारे शोकवाली आ प्रमाणे विचार करती बेठी! हिन्दी अनुवाद
प्राप्त तख्ते के सहारे मैं तालाब के किनारे उतरी। भय से डरी तथा शोकयुक्त मैं इस प्रकार विचार करती हुई बैठी। गाहा
तारिस-रिद्धि-जुयावि हु खणेण एयागिणी कहं जाया ।
देसियं-जुवईव अहो! अइ-गुविलो कम्म-परिणामो ।। १९२।। संस्कृत छाया
ताशर्खियुताऽपि खलु क्षणेनैकाकिनी कथं जाता ।
देशिकयुवतिरिव अहो ! अतिगुपिलः कर्मपरिणामः ।।१९२।। गुजराती अनुवाद
१९२. (सरोवर पा राणीनो विलाप)
तेवा प्रकारनी ऋद्धिवाली क्षणवारमा देशमा प्रवास माटे गयेली स्त्रीनी जेम एकली केवी रीते थई गई? खरेखर! कर्म परिणाम अति गहन छे. हिन्दी अनुवाद
सरोवर के पास रानी का विलाप
इतनी ऋद्धि से सम्पन्न देश में रहने के लिए गयी स्त्री की तरह अकेली किस प्रकार हो गई, यह निश्चित रूप से कर्म फल अति गहन है।
गाहा
सो कत्थ भिच्च-वग्गो सा य सिरी सो विणीय-परिवारो।
होहामि कहं इण्हिं विहिया एगागिणी विहिणा? ।।१९३।। संस्कृत छाया
स कुत्र भृत्यवर्गः सा च श्री स विनीतपरिवारः ।
भविष्यामि कथमिदानी विहिता एकाकिनी विधिना ? ।।१९३।। गुजराती अनुवाद
१९३. ते नोकरवर्ग क्या? ते लक्ष्मी क्या? ते विनीत परिवार क्या? भाग्यवड़े मने एकली कराई हवे शुं थशे?