Book Title: Sramana 2015 04
Author(s): Sundarshanlal Jain, Ashokkumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 198
________________ हिन्दी अनुवाद कहीं गैंडों से पीड़ित हिरन थे तो कहीं खेचरों के खून से बीभत्स बने... कहीं सिंह को देखकर भागता हाथियों का समूह था। गाहा अविय। वियरंत-महा-धणु-हत्थ-लोद्धया सुक्क-मय-सिर-सणाहा । जेट्ठक्क-मूल-कलिया गुरु-चित्ता-रोहिणी-समेया ।। २२३।। संस्कृत छाया अपि च । विचरन्महाधनुर्हस्तलुब्धकाः शुष्कमृगशिरसनाथाः । ज्येष्ठार्कमूलकलिता गुरुचित्रारोहिणीसमेताः ।। २२३।। गुजराती अनुवाद २२३. अने वळी, मोटा धनुष्य हाथमां लइने फरता शिकारिओ, हरणोना शुष्क मस्तकोथी युक्त शिकारीओ... मोटा आकडाना वृक्षना मूलथी युक्त- गुरु चित्र तथा रोहिणी औषधथी युक्त.... (पक्षे)- मघा नक्षत्र, धनुः राशि, हस्त नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र जेमां छे... शुक्र-मृगशिर नक्षत्र सहित... ज्येष्ठ नक्षत्र, सूर्य, मूल नक्षत्रथी युक्त... बृहस्पति तथा चित्रा सोहिणी नक्षत्रथी युक्त... हिन्दी अनुवाद जिसमें बड़े-बड़े धनुष हाथ में लिए शिकारियों का समूह घूम रहा था, सूखे हुए हिरनों के मस्तक से युक्त शिकारी... बड़े... आकड़े के वृक्ष की जड़ से युक्त तथा गुरु, चित्र तथा रोहिणी औषधि युक्त, मघा नक्षत्र धनुराशि, हस्त नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र जिसमें है, जो शुक्र मार्गशीर्ष नक्षत्रों से युक्त ज्येष्ठ नक्षत्र सूर्य, मूल तथा वृहस्पति चित्रा रोहिणी नक्षत्र से युक्त है। गाहा भद्द-वय-समण-सहिया उटुंत-विसाह-पयड-मंदारा । वियरंत-भूरि-रिक्खा रेहइ अडवी नह-सिरिव्व ।। २२४।।

Loading...

Page Navigation
1 ... 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210