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हिन्दी अनुवाद
फिर उस दिव्य मणि से प्रभावित अंगूठी को हाथ में से उतार कर पुत्र के गले में यह कहते हुए पहना दी। गाहा
एयस्स पभावाओ मा मह तणयस्स केवि अंगम्मि ।
पहरंतु भूय-सावय-पिसाय-दुट्ठ-ग्गहाईया ।। २३४।। संस्कृत छाया
एतस्य प्रभावामा मम तनयस्य केऽपि अङ्गे ।
प्रहरन्तु भूतश्वापदपिशाचदुष्टप्रहादिकाः ।। २३४ ।। गुजराती अनुवाद
२३४. आना प्रभावथी मारा पुत्रना कोइ पण अंगमा भूत, जंगली पशुओ, पिशाच के दुष्ट ग्रहो वि. प्रहार नहीं करे। हिन्दी अनुवाद
इस अंगूठी के प्रभाव से हमारे पुत्र के किसी भी अंग को भूत-पिशाच, जंगली जानवर तथा दुष्ट ग्रह किसी भी प्रकार नुकसान न पहुँचा सकें।
गाहा
वण-वासिणीओ! निसुणह भो भो वण-देवयाओ । मह वयणं ।
तणय-समेया संपइ सरणं भवईणमल्लीणा ।। २३५।। संस्कृत छाया
वनवासिन्यः ! निशृणुत भो भो वनदेवताः ! मम वधनम् । * तनयसमेता सम्प्रति शरणं भवतीनामालीना ।। २३५ ।। गुजराती अनुवाद
२३५. हे वनवासिओ! हे वनदेवता! माझं वचन सांथलो. पुत्र सहित हुं हमणां तमारा शरणे आवेली छु। हिन्दी अनुवाद____ हे वनवासियों! हे देवतागण! मेरा वचन सुनो, पुत्र सहित मैं तुम्हारे शरण में आई हूँ।