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गुजराती अनुवाद
१४५. फी पण राजार पूछयु :माताथी वियोग पामेलो ते जीवशे के नहीं? ते मोटो क्यां थशे? तेनो मेलाप क्यारे थशे? हिन्दी अनुवाद
राजा ने पुन: पूछा 'माता से वियोग को प्राप्त वह जीवित रहेगा कि नहीं। वह बड़ा कहाँ होगा? उससे मिलना कब होगा? गाहा
अह सुमई भणइ पुणो बहु-कालं जीविही स ते पुत्तो।
कत्थ य बुड्ढं जाही एयं पुण नेव जाणामो ।।१४६।। संस्कृत छाया
अथ सुमति-भणति पुनर्बहुकालं जीविष्यति स तव पुत्रः ।
कुत्र च वृद्धिं यास्यति एतद् पुन-नँव जानीमः ।। १४६ ।। गुजराती अनुवाद
१४६. त्यारे सुमति नैमित्तिके कह्यु- 'तारो पुत्र लांबो काल जीवशे, परंतु ते क्यां मोटो थटो ते वात हुँ जाणतो नथी. हिन्दी अनुवाद
तब सुमति ज्योतिषी ने कहा, 'आपका पुत्र लम्बे समय तक जीवित रहेगा किन्तु वह बड़ा कहाँ होगा, मैं यह बात नहीं जानता। गाहा
कुसुमायर-उज्जाणे जइया गयणाओ कन्नगा पडिही ।
तत्तो य सिग्यमेव हि समागमो तुम्ह तणएण ।।१४७।। संस्कृत छाया
कुसुमाकरोद्याने यदा गगनात् कन्या पतिष्यति ।
ततश्च शीघ्रमेव हि समागमस्तव तनयेन ।। १४७ ।। गुजराती अनुवाद
१४८ कुसुमाकर उद्यानमां ज्यारे आकाशमार्गथी कन्या पडशे व्यारबाद तरतज तारो पुत्र साथे समागम थो.