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गुजराती अनुवाद
३१-३३. हवे ते बालकने याद करती पुत्र जन्म माटे उत्सुक, शोकयुक्ता, शरीरनी अन्य चेष्टाओथी रहित, सकल कार्योमां उद्विग्न पागल जेवी, जाणे मूर्च्छा पामेली, सुतेलानी जेम-मरेलानी जेम-जाणे प्राण रहित, ध्यानमा रहेल योगिनीनी जेम समस्त व्यापाररहित, दुबला शरीरवाली, भारे शोकना कारणे श्याममुखकमलवाली ते क्यारेक राजा वड़े जोवाई अने त्यारे कर्मलावती राणीने पूछयु... ( तिसृभिः कुलकम्)
हिन्दी अनुवाद
उस बालक को याद करती हुई पुत्र जन्म के लिए उत्सुक शोकयुक्त, शरीर की सभी चेष्टाओं से रहित सभी कार्यों में पागलों जैसी उद्विग्न, जैसे मूर्च्छित हो गयी हो, बिना प्राण के मरे हुए के समान सोई हुई, ध्यान में मग्न योगिनी की तरह सभी व्यापारों से रहित दुबली शरीर वाली भारी शोक से सन्तप्त होने के कारण मलिन मुखवाली को राजा कदाचित् देखकर कमलावती रानी से पूछा । (तिसृभिः कुलकम्)
गाहा
देवि! तुमं किं विमणा दुब्बल देहा य दीससे इण्हिं । किं वंछियं न पुज्जइ साहीणे किंकरम्मि मए ? ।। ३४ । । संस्कृत छाया
देवि त्वं किं विमना दुर्बलदेहा च दृश्यस- इदानीम् । किं वाञ्छितं न पर्यंते स्वाधीने किङ्करे मयि ।। ३४ ।।
गुजराती अनुवाद
३४. हे देवि! हालमां तुं विमनस्का तथा दुर्बल देहवाली केम देखाय छे? नोकरो मने स्वाधीन होते छते पण शुं तारी ईच्छा पूर्ण नथी थती? हिन्दी अनुवाद
हे देवि! आप अन्यमनस्क तथा दुर्बल देहवाली क्यों दिख रही हैं? क्या हमारे अधीन रहने वाले नौकर आपकी इच्छा पूर्ति नहीं कर पा रहे हैं?
गाहा
भणियं देवीए तओ अंसु-जलासार सित्त सिहिणाए । पिययम ! तुह प्यसाया संपज्जइ वंछियं सव्वं । । ३५ । ।