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गुजराती अनुवाद
१२०. राजा आ प्रमाणे चिंतवता हता त्यांतो हाथी अदृश्य थई गयो. तेलीवारमां पाछळ रहेलुं राजानुं सैन्य मली गयुं.
हिन्दी अनुवाद
राजा इस प्रकार चिन्ता कर ही रहा था कि हाथी वहाँ से अदृश्य हो गया। इतनी देर में पीछे रहे हुए राजा के सैनिक भी वहां आ पहुँचे।
गाहा
अह करि-वर- मग्गेणं समरप्पिय- पमुह- सुहड-सय- कलियं । देवी - गवेसणत्थं पट्टविडं साहणं राया ।। १२१ ।। कहकहवि गरुय - सोओ सामंत-महंतगाण वयणेण । पत्तो निय- नयरम्मी सुन्नो वुन्नो निराणंदो ।। १२२ ।। संस्कृत छाया
अथ करिवरमार्गेण समरप्रियप्रमुखसुभटशतकलितम् । देवीगवेषणार्थं प्रस्थाप्य साधनं राजा ।। १२१ ।। कथंकथमपि गुरुशोकः सामन्तमहत्तमानां वचनेन । प्राप्तो निजनगरे शून्य उद्विग्नो निरानन्दः ।। १२२ ।। युग्मम् ।। गुजराती अनुवाद
१२१ -१२२. हवे हाथीना मार्गे राणीने शोधवा माटे समरप्रिय विगेरे सो सुभट सहित सैन्यने मोकलीने गुरु शोकवालो, शून्य मनस्क, उद्विग्न तथा आनंद रहित राजा सामंत तथा महंतोना वचनवड़े केमे करीने पोतानां नगरमां आव्यो! (युग्मम्)
हिन्दी अनुवाद
अब हाथी के जाने वाले मार्ग पर रानी की तलाश के लिए समरप्रिय सुभट से युक्त सैनिकों को भेजकर शोकयुक्त, अन्यमनस्क, उद्विग्न तथा आनन्द रहित राजा सामंत तथा महन्तों के अनुसार अपने नगर में आया।
गाहा
परिचत्त- रज्ज - चित्तो चिट्ठइ जा कइवि तत्थ दिवसाणि । कमलावइ- संपावण- आसाए धरिय निय-जीओ ।। १२३ ।।