Book Title: Sramana 1990 10
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi
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( ५२ ) स्वीकृत पाठ
पाठान्तर और प्रत-परिचय (आधारभूत प्रत एवं सूत्र सं०) १. खेत्तण्ण० ३२ खं, इ० चू० खेतण्ण० सं, हे० १,२
खेयन्न, खेअन्न (अन्यत्र) २. खेत्तण्ण-३२ इ० चू० खेयन्न, खेअन्न (अन्यत्र) ३. खेत्तण्ण-३२ इ० चू० खेतण्ण सं, खं, हे० १, २,
खेयन्न, खेअन्न (अन्यत्र) ४. खेत्तण्ण-३२ इ० चू० खेअन्न हे०३, ला० जै, खेतण्ण
(अन्यत्र) ५. खेत्तण्ण, ७९ शां० खं० च० खेतण्ण खे, जै, खेयण्ण सं, हे० १,
२, ३ ला० ३, च० ६. खेत्तण्ण १०४ (सर्वत्र) यहाँ पर चूर्णि में खेतण्ण पाठ (पृ०
१०० पंक्ति १) ७. खेत्तण्ण १७६ खं०
खेतण्ण खे, जै, इ, खेयण्ण (अन्यत्र), ८. खेत्तण्ण २१० खं०
खेतण्ण खे, जै, खेयण्ण (अन्यत्र) ९. खेतण्ण १३२ (अन्यत्र) खेअण्ण सं, खेदण्ण हे० १, २, ३,
ला० खित्तण्ण चू० १०. खेतण्ण २०९ खे, जै० खेयण्ण (अन्यत्र) ११. खेतण्ण १०९ (अन्यत्र) खेत्तण्ण खं, खेयग्ण हे० १, २, ३,
इ, शां० १२. खेतण्ण १०९ चू० (?) खेयण्ण शां, खे० जै० ला, इ० हे
१, २, ३, खेदण्ण सं० खं० १३. खेतण्ण १०९ (अन्यत्र) खेदण्ण खं० १४. खेतण्ण १०९ (अन्यत्र) खेयण्ण, शां, हे० २, ३, ला० इ०
खेत्तण्ण चू० १५. खेयण्ण ८८ (अस्पष्ट) खित्तण्ण चु, खेदन्न, खेयन्न
(प्रत्ययान्तरे) १६. खेयण्ण १०९ खेमू० चू० खेयन्न हे० १, २, ३, ला, जै, इ०
विना (घ) संपादकों द्वारा किये गये पाठों की पसंदगी या चुनाव पर एक
समालोचनात्मक दृष्टिपात
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