Book Title: Sramana 1990 10
Author(s): Ashok Kumar Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 117
________________ जैन जगत् भारतीय साहित्य एवं संस्कृति में ऋषभदेव मैं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सहयोग से इस विषय पर एक सर्वांग पुस्तक तैयार कर रहा हूँ। जिसमें प्राचीन सभ्यताएँ एवं ऋषभदेव; ऋषभदेव का सार्वभौमिक स्वरूप; ऋषभदेव एवं मानव संस्कृति ऋषभदेव एवं शिव सम्बन्धी प्राच्य मान्यतायें, जैन/बौद्ध वैदिक अन्य साहित्य में ऋषभदेव; मूर्ति स्थापत्य और चित्रकला के विशेष सन्दर्भ में ऋषभदेव; ऋषभदेव सम्बन्धी प्राचीन और अर्वाचीन साहित्य, लेख आदि की अनुक्रमणिका आदि अध्याय होंगे। आप सभी विद्वानों से विनम्र अनुरोध है कि उक्त सन्दर्भो में आपके पास जो भी सामग्री हो कृपाकर भेजने का कष्ट करें, इसमें आपका जो भी व्यय होगा, उसे हम वहन करेंगे। पुस्तक को सर्वांग पूर्ण वनाने हेतु अपने विचार व सुझाव भेजें तो हम अनुग्रहीत होंगे। डॉ० कपूरचन्द जैन, __ अध्यक्ष संस्कृत विभाग, श्री कुन्द कुन्द जैन महाविद्यालय, खतौली २५/२०१ मुजफ्फरनगर, उ० प्र० । प्राकृत एवं जैन विद्या : शोध सन्दर्भ का प्रकाशन लगभग ३ वर्ष पूर्व हमने 'प्राकृत एवं जैन विद्या : शोध सन्दर्भ' पुस्तक में एतद्विषयक ४५२ शोध-प्रबन्धों की सूची प्रकाशित की थी। निरन्तर परिवर्तन परिवर्धन/संशोधन के फलस्वरूप यह संख्या ६००६५० के लगभग पहुँच गयी है। शोध सन्दर्भ के नवीन संस्करण में उक्त प्रबन्धों तथा प्रकाशित १०० शोध-प्रबन्धों की विस्तृत जानकारी दी जा रही है साथ ही इस क्षेत्र में कार्यरत संस्थानों/विभागों/पत्र-पत्रिकाओं/ निदेशकों प्रकाशकों के परिचय/पते एवं शोध-योग्य विषयों की सूची दी जा रही है। संस्थाओं को अलग से पत्र भेजे गये हैं । पुस्तक श्री योगेश Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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