Book Title: Shalopayogi Jain Prashnottara 02 Author(s): Dharshi Gulabchand Sanghani Publisher: Kamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer View full book textPage 8
________________ उत्तर: असंख्याता. (१०) प्रश्नः विमान की संख्या अधिक है या देवों की? उत्तरः देवों की संख्या अधिक है. क्योंकि प्रत्येक विमान में अनेक देव देवी रहते हैं. (११) प्रश्नः ज्योतिपी में देवता की संखण अधिक है या देवीं की? . उत्तरः- देविओं की संख्या अधिक है। क्योंकि प्रत्येक देव को कम से कम चार देवी होना ही चाहिए. (१२) प्रश्नः अपन जो विमान देखते हैं वे सब किस लोक में हैं ? उत्तर: त्रीशा लोक में. (१३) प्रश्नः जीव के ५६३ भेद में ज्योतिषी के कितने भेद ? उत्तरः वीश. चंद्रमा, सूर्य, ग्रह, नक्षत्र व तारा ये पांच चर व पांच स्थिर मिलकर ज्योतिषी की कुल दश जात होती हैं. उन दशों का अपर्याप्ता वं पर्याप्ता मिल कर कुल २० भेद ज्योतिषी के होते हैं. (१४) प्रश्नः जिन विमानों को अपन देखते हैं वे सब चर है या स्थिर ? . : उत्तरः चर है यानि निरंतर पूर्वसे दक्षिण, पश्चिम व उत्तर इस प्रकार परिभ्रमण करते रहते हैं. (१५) प्रश्नः स्थिर विमान कहां है ?Page Navigation
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