Book Title: Shalopayogi Jain Prashnottara 02
Author(s): Dharshi Gulabchand Sanghani
Publisher: Kamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer

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Page 15
________________ (8) सिद्ध भगवंत को नहीं इसका क्या कारण है ? उत्तरः अपन ने आयु कर्म का तय नहीं किया है और सिद्ध भगवंत ने उस कर्म का क्षय किया है जिससे वे अजर अमर पद पाये हैं। (७) प्रश्नः अपन नारकी, तिर्यंच, मनुष्य व देवता इन चार गति में भटकते हैं और नानाविध शरीर को धारण करते हैं और सिद्ध भगवंत को ऐसा नहीं करना पड़ता है इस का क्या कारण है ? उत्तरः अपन ने नाम कर्म का तय नहीं किया है और सिद्ध भगवंत ने उसका तय किया है। (८) प्रश्नः अपन उंच नीच गोत्र में जन्म लेते हैं और सिद्ध भगवंत आत्मा के मूलगुण को (अगुरु लघु गुण को) प्राप्त हुए हैं इसका क्या कारण है ? उत्तरः अपन गोत्र कर्म के वश में हैं और सिद्ध भगवंत ने उस कर्म को क्षयं किया है। (8) प्रश्नः अपन को इप्सितार्थ-इच्छित अर्थ साधने में वारम्बार विघ्न होता है और सिद्ध . भगवंत ने सर्व अर्थ की सिद्धि की है इस का क्या कारण है ? उत्तरः सिद्ध भगवंत ने अन्तराय कर्म का क्षय किया है और अपन उसका तय नहीं कर सके हैं।

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