Book Title: Shalopayogi Jain Prashnottara 02
Author(s): Dharshi Gulabchand Sanghani
Publisher: Kamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer

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Page 27
________________ (२१) इस तरह से अकेक से असंख्य जोजन नीचे अनुकम से सात नर्क है सव से नीचे खीर में सातमी नर्क है व उसके नीचे अनंत अलोक है. (६) प्रश्नः पहली नर्क की पृथ्वी अपने से कितनी उत्तरः पहेली नर्क का उपर का पट एक हजार जोजन का है जिसके उपर का पृष्ट पर ही अपन रहते हैं. (७) प्रश्नः नर्क गति प्राप्त करने वाले जीवों को क्या . कहते है ? उत्तरः नारकी. (८) प्रश्नः नारकी को मावाप होते हैं या नहीं ? उत्तरः नहीं. (8) प्रश्नः नारकी किसमें जन्म पाते हैं ? उत्तरः नरकावासा में रही हुई कुंभीओं में. (१०) प्रश्नः सात नर्क के मिलकर कुल कितने नरका वासा है ? उत्तरः चाराशी लाख. (११) प्रश्नः प्रत्येक नरकावासा में कितनी कुंभीओं हैं ? उत्तरः असंख्याता. (१२) प्रश्नः नारकी जीवों कितने हैं ? . उत्तरः प्रत्येक नरक में असंख्याता नारकी हैं. (१३) प्रश्नः नारकी.जीवों को नर्क में क्या दुःख है ?

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