Book Title: Shalopayogi Jain Prashnottara 02
Author(s): Dharshi Gulabchand Sanghani
Publisher: Kamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer

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Page 39
________________ (३३ ) (५) प्रश्नः आगे कितनी हुई होगी? उत्तरः अनंती। (६) प्रश्नः आगामी कालमें कितनी चोवीशी होगी? उत्तरः अनंती, जिसका अंत नहीं। (७) प्रश्नः तीर्थंकर किस किस ारे में होते हैं ? उत्तरः तीसरा व चौथा पारा में। (८) प्रश्नः इस अवसर्पिणी में हुवे हुए अपने भरतक्षेत्र के चौवीश तीर्थकर के नाम बतलावो ? उत्तरः १ ऋषभदेव स्वामी २ अजितनाथ स्वामी · ·३ संभवनाथ स्वामी ४ अभिनंदन स्वामी ५ सुमतिनाथ स्वामी ६ पद्मासु स्वामी ७ सुपार्श्वनाथ स्वामी ८ चंद्रमभ स्वामी ६ सुविधिनाथ स्वामी १० शीतलनाथ स्वामी ११ श्रेयांसनाथ स्वामी १२ वासुपूज्य स्वामी १३ विमलनाथ स्वामी १४ अनंतनाथ स्वामी १५ धर्मनाथं स्वामी १६ शांतिनाथ स्वामी १७ कुंथुनाथ स्वामी १८ अरनाथ स्वामी १६ मल्लिनाथ स्वामी २० मुनिसुव्रत स्वामी २१ नमिनाथ स्वामी २२ नेमनाथ स्वामी.२३ पार्श्वनाथ स्वामी २४ महावीर स्वामी। , . (8) प्रश्नः इन चौवीश तीर्थकर में से कितने तीसरा धारा में व कितने चौथा पारा में हुवे? उत्तरः एक पहले तीर्थकर तीसरा धारा में व - शेष सब तीर्थकर चोथा धारा में हुवे ।

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