Book Title: Shalopayogi Jain Prashnottara 02
Author(s): Dharshi Gulabchand Sanghani
Publisher: Kamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer

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Page 71
________________ (६५) मिट जाते हैं, कोई खाने से पित्त रोग मिट जाता है कोई लड्डू खाने से कफ मिटता है और कोई लड्डू शरीर को पुष्ट करता है। १ प्रकृतिबंध-मायने यह है कि कोई कर्म — का स्वभाव आत्मा का ज्ञानगुण रोकने · का है किसीका दर्शन गुण रोकने का होता है किसी को शाता ष अशाता वेदनीय देने का होता है उसको प्रकृति कहते हैं मूल प्रकृति प्रांठ हैं (ज्ञानावर णीय आदि) व उत्तर प्रकृति । १४८ हैं। २ स्थितिबंध-जिस तरह से ऊपर द र्शाये हुवे लड्डू में जोगुण है वह कुछ मुदत तक रहता है। कोई लड्डू में गुण १५ दिन तक रहता है तो कोई लड्डू में एकमास तक रहता है किसी में वर्षभर तक वह गुण रहता हैं । उसीतरह दो समय से ७० क्रोडा कोड़ी सागरोपम की स्थिति के कर्म नीव वांधते हैं उसको स्थिति • बंध कहते हैं। ३ अनुभागबंध-उपरोक्त लड्डू में कोई ____ लड्डू' मीठा होता है, कोई खारा ... होता है, और कोई तीखा होता 1. कर्मग्रंथ के मतानुसार उत्तर प्रति १५८ हैं। . . . .

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