Book Title: Shalopayogi Jain Prashnottara 02
Author(s): Dharshi Gulabchand Sanghani
Publisher: Kamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer

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Page 59
________________ ( ५३ ) उत्तर: दो, सकाम निर्जरा व अकाम निर्जरा. (७) प्रश्नः सकाम अकाम का अर्थ क्या है ? उत्तरः सकाम मायने इच्छा सहित, व अकाम मायने इच्छा रहित. (८) प्रश्न: इन दोनों में कौन श्रेष्ट हैं ? उत्तरः सकाम.. ( 8 ) प्रश्न: क्या करने से कर्म की निर्जरा होती है ? उत्तरः तप करने से. (१०) प्रश्न: तपके मुख्य कितने प्रकार है ? उत्तरः दो, वाह्य तप व आभ्यंतर तप. (११) प्रश्न: वाह्य अभ्यंतर तप किसे कहते हैं ? उत्तरः वाह्य मायने प्रगट तप जिसको जगत् के जीव भी तप करके मानते है और अभ्यंतर तप मायने अमगढ अथवा गुप्त तप. (१२) प्रश्नः इन दोनों में श्रेष्ठ तप कौनसा है ? उत्तरः आभ्यन्तर. (१३) प्रश्न: बाह्य तप के कितने प्रकार है ? उत्तरः छ. अनशन - आहार का त्याग करना सो थायविल, उपवास, छठ, अठम, इत्यादि. उणोदरी - आहार करते कमखाना, अथवा उपकरणादि कम रखना सो वृत्ति संक्षेप-इच्छा का निरोध करना सो अर्थात् भिक्षा चरी-गोचरी करना सो.

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