Book Title: Shalopayogi Jain Prashnottara 02
Author(s): Dharshi Gulabchand Sanghani
Publisher: Kamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer

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Page 67
________________ उत्तरः नहीं, उन देवों को विषय भोगकी मलीन इच्छा नहीं होती. (२६) प्रश्नः कौन से देवलोक लक देवी उत्पन्न होती है। उत्तरः दुसरा देवलोक तक. ॥ प्रकरण २५-चोवीश दंडक ।। ११) प्रश्नः सब संसारी जीवों के गतिश्राश्रयी कितने ... भेद है? उत्तरः चार-नारकी, तिर्यंच, मनुष्य, व देवता. (२) प्रश्नः सब संसारी जीवों के जाति आश्रयी कितने भेद है? . 'उत्तरः पांच-एकेन्द्रिय, वेइन्द्रिय, तेइन्द्रिय, चउ. रिन्द्रिय, पंचेन्द्रिय, (३) प्रश्नः सब संसारी जीरों के काय आश्रयी कितने धेद है? उत्तरः छ, पृथ्वीकाय, पकाय, तेउकाय, बाउकाय - वनस्पतिकाय र.संझाय.' (४) प्रश्नः सब संसारी जीवों के दंडक आयी कितने उत्तरः चोबीश. . . . (५) प्रश्नः दंडक मायने क्या . . उतर: और जीरों को कर्मदंड भोगने के स्थानक. (६) प्रश्नः चोवीश दंडक के दाम कहो? · . उत्तरः साल जारकी का प्रथमं दंडक; दश भवन .: पति के १०दंडक,पांच स्थावर के ५ दंडक, बीन विकलेन्द्रिय के ३ दंडक, इस से तरह

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