Book Title: Shalopayogi Jain Prashnottara 02
Author(s): Dharshi Gulabchand Sanghani
Publisher: Kamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer

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Page 32
________________ (२) प्रश्न: काल का परिमारण मायने क्या? . . उत्तरः वक्त की गिनती. . . (३) प्रश्नः आज सुबह से कल सुबह तक का वक्त को . . क्या कहते है ? .. .. उत्तरः एक दिन या एक अहोरात्रि. (४) प्रश्नः एक अहोरात्रि की घडी कितनी ? उत्तरः साठ. (५) प्रश्नः एक अहोरात्रि के मुहूर्त कितने ? उत्तरः त्रीश. . . (६) प्रश्नः एक मुहुर्त की घडी कितनी? . उत्तर: दो. (७) प्रश्नः दो घडी की या एक मुहूर्त की आवलिका कितनी ? . उत्तरः एक क्रोड सडसठ लाख सत्योतर हजार दो सों सोला १६७७७२१६. (८) प्रश्नः एक प्रावलिका का असंख्यातवां भाग को - क्या कहते हैं ? उत्तर: समय. (8) प्रश्नः समय मायने क्या ? उत्तरः अति सूक्ष्म काळ कि जिस का दो भाग केवळी भगवान की कल्पना में भी आस.. : का नहीं है उस को समय कहते हैं. . (१०) प्रश्नः आँख बंधकर-खोल दी जाय इतने चक्क में कितने समय चले जाते हैं ? . . उत्तरः असंख्याता..

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