Book Title: Shalopayogi Jain Prashnottara 02
Author(s): Dharshi Gulabchand Sanghani
Publisher: Kamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer

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Page 35
________________ (२६) - उत्तरः प्रथम अवसर्पिणी के छ ओरे के नाम १ सुखमा सुखमा २ सुखमा ३ सुखमा दुखमा ४ दुःखमा सुखमा ५ दुःखमा ६ दुःखमा दुःखमा उत्सर्पिणी के छ पारे के नाम १ दुःखमा दुःखमा २ दुःखमा ३ दुःखमा सुखमा ४ सुखमा दुःखमा ५ दुःखमा ६ दुःखमा दुःखमा । . (२३) प्रश्नः इन बारह आरा के काळ का परिमाण बत लावो. . उत्तरः अवसर्पिणी काळ के छ भारे. जिनमें प्रथम आरा चार कोडा कोडी सागरोपम का, दूसरा तीन कोडा क्रोडी सागरोपम का, तीसरा दो क्रोडा कोडी सागरोपम का, चोथा एक क्रोडा क्रोडी सागरोपम में वेतालीस हजार वर्ष कम, पांचमा आरा एकशि हजार वर्ष का व छट्टा आरा भी एक वीश हजार वर्षे का कुल दश कोडा क्रोडी सागरोपम के छारे होते हैं. उत्सर्पिणी काळ के भी छ आरे जिसमें प्रथम पारा एकवीश हजार वर्षका,दूसरा भी एकवीश हजार वर्ष,का, तीसरा पारा एक क्रोडा कोडी सागरोपम में बेतालीश हजार वर्ष कम,..चोथा, आरा दो क्रोडा क्रोडी सागरोपम का, पांचवा तीन क्रोडा क्रोडी सागरोपम का व..छहा आरा चार .

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