Book Title: Shalopayogi Jain Prashnottara 02
Author(s): Dharshi Gulabchand Sanghani
Publisher: Kamdar Zaverchand Jadhavji Ajmer

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Page 16
________________ (१०) (१०) प्रश्नः आठ कर्म के नाम.अनुक्रम से कहो ? ___ उत्तरः ज्ञानावरणीय, दर्शनावरणीय, वेदनीय, ___ मोहनीय, आयु, नाम, गोत्र व अंतराय । (११) प्रश्नः ज्ञानावरणीय कर्म किसे कहते हैं ? उत्तरः ज्ञान को रोकनेवाला कर्म सो ज्ञानावर गीय कर्म । (१२) प्रश्नः ज्ञान के मुख्य भेद कितने हैं व कौन २ उत्तरः पांच. मतिज्ञान, श्रुतज्ञान, अवधिज्ञान, मनः पर्यवज्ञान व केवलज्ञान। (१३) प्रश्नः मतिज्ञान किसे कहते हैं ? उत्तरः पांच इन्द्रिय और छठा मन इनके द्वारा . जो ज्ञान होता है उसको मतिज्ञान कहते हैं। (१४) प्रश्नः श्रुतज्ञान किसे कहते हैं ? उत्तरः शास्त्र पढने व श्रवण करने से जो ज्ञान होता है उसको श्रुतज्ञान कहते हैं। (१५) प्रश्नः अवधिज्ञान किसे कहते हैं ? उत्तरः मर्यादा में रहे हुए रूपी द्रव्यों का इन्द्रियों की अपेक्षा विना जो ज्ञान होता है उसको अवधिज्ञान कहते हैं ? (१६) प्रश्नः मनःपर्यव ज्ञान किसे कहते हैं ? उत्तरः ढाई द्वीप में रहे हुए पर्याप्ता संज्ञी पंचेन्द्रिय - जीवों के मनोगत भाव का ज्ञान होना 'उसको मनःपर्यव ज्ञान कहते हैं. (१७) प्रश्नः केवलज्ञान किसे कहते हैं ?

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