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सत्य संगीत
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ANNAwaryaAVANA-
अनुपम है सोभाग्य सितारा । प्यारा हिन्दुस्थान हमारा ॥ ४ ॥
नानक और कबीर यहां थे। एक एक से पीर यहा थे ।
सच्चे सन्त फकीर यहा ये । मकसद एक रूप था न्यारा । प्यारा हिन्दुस्थान हमारा ॥ ५॥
जैमिनि कपिल वृहस्पति वीधन । गौतम शुक्र कणाद तर्कमन ।
सब ने दिया ज्ञान में जीवन । वही विविध दर्शन की धारा । प्यारा हिन्दुस्थान हमारा ॥ ६ ॥
महासती सीता सी पाई । सरस्वती विदुषी बन आई ।।
लक्ष्मी रणरगिणी दिखाई। अद्भुत नाररत्न-पिटारा । प्यारा हिन्दुस्थान हमारा ॥ ७॥
भूपति त्याग प्रेम के आकर । सारा विश्व जिन्हें अपना घर ।
ये अशोक से नृपति यहां पर । जिनका वर्म देख जग हारा । प्यारा हिन्दुस्थान हमारा ॥ ८ ॥