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________________ ३६ ] सत्य संगीत Mr ANNAwaryaAVANA- अनुपम है सोभाग्य सितारा । प्यारा हिन्दुस्थान हमारा ॥ ४ ॥ नानक और कबीर यहां थे। एक एक से पीर यहा थे । सच्चे सन्त फकीर यहा ये । मकसद एक रूप था न्यारा । प्यारा हिन्दुस्थान हमारा ॥ ५॥ जैमिनि कपिल वृहस्पति वीधन । गौतम शुक्र कणाद तर्कमन । सब ने दिया ज्ञान में जीवन । वही विविध दर्शन की धारा । प्यारा हिन्दुस्थान हमारा ॥ ६ ॥ महासती सीता सी पाई । सरस्वती विदुषी बन आई ।। लक्ष्मी रणरगिणी दिखाई। अद्भुत नाररत्न-पिटारा । प्यारा हिन्दुस्थान हमारा ॥ ७॥ भूपति त्याग प्रेम के आकर । सारा विश्व जिन्हें अपना घर । ये अशोक से नृपति यहां पर । जिनका वर्म देख जग हारा । प्यारा हिन्दुस्थान हमारा ॥ ८ ॥
SR No.010833
Book TitleSatya Sangit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarbarilal Satyabhakta
PublisherSatyashram Vardha
Publication Year1938
Total Pages140
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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