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________________ प्यारा हिन्दुस्थान Arwwwwwwwwwwww विक्रम से रणधीर यहा थे। अकवर आलमगीर यहा थे। और शिवाजी वीर यहा थे । चकित किया था यह जग सारा । प्यारा हिन्दुस्थान हमारा ॥ ९ ॥ विविध कला विज्ञान यहा पर । फूल फले फिरे भूतल भर । सयम और सभ्यता का घर । बना सदा सुख-शान्ति-किनारा । प्यारा हिन्दुस्थान हमारा ॥ १० ॥ हिन्दू मुसलमान हैं भाई । बौद्ध सिक्ख जैनी ईसाई । प्रेम नाम की महिमा गाई । रहा सभी में भाई चारा। प्यारा हिन्दुस्थान हमारा ॥ ११ ॥ अव उन्नति गिरिपर चढ जाये । जगका परम मित्र कहलाये । सब को प्रेम पाठ सिखलाये । मानवता का हो ध्रुवतारा । प्यारा हिन्दुस्थान हमारा ॥ १२ ॥
SR No.010833
Book TitleSatya Sangit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarbarilal Satyabhakta
PublisherSatyashram Vardha
Publication Year1938
Total Pages140
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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