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________________ प्यारा हिन्दुस्थान प्यारा हिन्दुस्थान प्यारा हिन्दुस्थान हमारा | शक्ति प्रेम की धारा ॥ हा प्रकृति की छटा निराठी | मनु की है हरियाली | फूल किये है डाली डाली ॥ कण कण जिनका लगता प्यारा । प्यारा हिन्दुस्थान हमारा ॥ १ ॥ विजय गिरिराज हिमालय | गंगा के निर्मल जल की जय । प्रकृति नटी नचती है निर्भय । हे विस्तीर्ण समुद्र किनारा | प्याग हिन्दुस्थान हमारा ॥ २ ॥ मत्र ऋतु के अनुकूल फूल है | अन्न शाक फल कन्दमूल है । मन चाहे फल रहें तल हैं । ईश्वर का है परम दुलारा | प्यारा हिन्दुस्थान हमारा || ३ || राम कृष्ण से वीर यहा थे । वीर बुद्ध से धीर यहा थे । व्यास ज्ञान- गभीर यहा ये । [ ३५
SR No.010833
Book TitleSatya Sangit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarbarilal Satyabhakta
PublisherSatyashram Vardha
Publication Year1938
Total Pages140
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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