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सत्य-संगीत
मेरी चाल
[ १ ]
कौन रोकेगा मेरी चाल ।
गर्दन कटे चलेगा धडभी, चमक उठेगा काल ॥ कौन रोकेगा मेरी चाल ||
[ २ ]
चिपढाऍ आवेगी पथ में, होंगी चकनाचूर : तन पर मनको होगा, छुसकना भी दूर ॥ करूगा उन्हें हाल बेहाल |
कौन रोकेगा मेरी चाल 11
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[ ३ ]
अगर प्रलोभन भी आवेंगे, दूगा मैं दुतकार |
कर दूंगा में एक एक पर, शत-शत पादप्रहार ॥ दूगा मैं उनका जाल । कौन रोकेगा मेरी चाल ||
तोड
[ ४ ]
अगर अध-श्रद्धा आवेगी, दूंगा दंड प्रचण्ड । कर दूगा मैं तोड फोड कर, खंड खंड पाखड || बनेगा सद्विवेक ही डाल | कौन रोकेगा मेरी चाल ॥