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तेरा नाम धाम
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तेरा नाम धाम गिनाऊँ क्या क्या तेरे नाम ।
कटू क्या कहा कहा है धाम || नित्य निरजन निराकार तू प्रभु ईश्वर अल्लाह । ब्रह्मा विष्णु महेश्वर तू ही, परम प्रेम की राह ।।
खुदा है. तू ही तू ही राम ।
गिनाऊँ क्या क्या तेरे नाम ॥१॥ महादेव शिव शकर जिन तू रब रहीम रहमान । गोड यहोवा परम पिता तू अहुरमज्द भगवान ।।
सिद्ध अरहत बुद्ध निष्काम ।
गिनाऊँ क्या क्या तेरे नाम ॥२॥ सेतुबव जेरुसलम कागी मका या गिरनार । सारनाथ सम्मेदशिखर में बहती तेरी धार ॥
सिन्धु गिरि नगर नदी वन ग्राम ।
कहू क्या कहा कहा है धाम ॥३॥ मन्दिर मसजिद चर्च, गुरु-द्वारा स्थानक सब एक । सब धर्मालय सब मे तू हे होकर एक अनेक ||
सभी को चन्दन नमन सलाम ।
कहूँ क्या कहा कहा है धाम ॥४॥ मन्दिर में पूजा को बैठा मसजिद पढी नमाज । गिरजा की प्रेयर में देखा मैंने तेरा साज ।
एक हो गये सलाम प्रणाम । गिनाऊ क्या क्या तेरे नाम ॥५॥