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सत्य संगीत
मनुष्यता
पाई मनुष्यता है कर्तव्य नित्य करना । जीवन सफल बनाने जग की विपत्ति हरना ॥ १ ॥
आलस्य मत दिखाना,
स्वार्थान्वता भगाना,
सप्रेम-पथ जाना,
सर्वत्र प्रेम भरना । पाई. ॥ २ ॥
अन्याय हो न पात्रे,
निर्बल न मार खावे, अबला न दुख उठावे,
नय पथ मे विचरना || पाई ॥ ३ ॥
स्वाधीनता जगाना,
यह दासता हटाना,
गर्दन भले कटाना,
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आपत्ति से न डरना ॥ पाई. ॥ ४ ॥
लो फट से विदाई,
है मय मनुष्य भाई,
इनमे न है जुदाई,
मनमें न मान धरना ॥ पाई ॥ ५ ॥
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