Book Title: Satya Sangit
Author(s): Darbarilal Satyabhakta
Publisher: Satyashram Vardha

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Page 126
________________ ११४ ] सत्य संगीत मनुष्यता पाई मनुष्यता है कर्तव्य नित्य करना । जीवन सफल बनाने जग की विपत्ति हरना ॥ १ ॥ आलस्य मत दिखाना, स्वार्थान्वता भगाना, सप्रेम-पथ जाना, सर्वत्र प्रेम भरना । पाई. ॥ २ ॥ अन्याय हो न पात्रे, निर्बल न मार खावे, अबला न दुख उठावे, नय पथ मे विचरना || पाई ॥ ३ ॥ स्वाधीनता जगाना, यह दासता हटाना, गर्दन भले कटाना, www आपत्ति से न डरना ॥ पाई. ॥ ४ ॥ लो फट से विदाई, है मय मनुष्य भाई, इनमे न है जुदाई, मनमें न मान धरना ॥ पाई ॥ ५ ॥ VAA

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