Book Title: Satya Sangit
Author(s): Darbarilal Satyabhakta
Publisher: Satyashram Vardha

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Page 131
________________ सम्मेलन [११९ vN wwwwwwwv सम्मेलन हुआ बिछुडों का सम्मेलन, भाई भाई दूर हुए थे टूट चुके थे मन । हुआ विछुडों का सम्मेलन ॥१॥ एक जाति पर भेद बनाये । एक धर्म नाना कहलाये ॥ एक पथके विविध पन्यकर भटके हम वन वन ।। ___ हुआ बिछुडों का सम्मेलन ।। २ ।। . सत्य अहिंसा ध्येय हमारा । विश्वप्रेम ही गेय हमारा । भूले ध्येय गेय लड वैठे कैसा भोलापन ॥ हुआ बिछुडों का सम्मेलन ॥ ३॥ राम कृष्ण जिनवीर मुहम्मद । बुद्ध यीशु जरथुस्त प्रेमनद । न्यारे न्यारे वेष किन्तु हितमय सबका जीवन । हुआ बिछुडों का सम्मेलन ॥४॥ आज हृदय से हृदय मिला है। मुरझाया मन सुमन खिला है ।। सनुदित सत्यसमाज आज भर देगा नवचेतन ॥ वन्य यह सच्चा सम्मेलन ॥ ५॥ ----ye

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