Book Title: Satya Sangit
Author(s): Darbarilal Satyabhakta
Publisher: Satyashram Vardha

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Page 66
________________ ५४ ] सत्य-संगीत राम दिखा दो अपनी झाँकी राम ! कायर मनमें साहस ललढो, वैभवका कुछ त्याग सिखाटो, दुखमें भी हँसना सिखलादो, हो जीवन निष्काम, दिखादो अपनी झॉकी राम ॥ १ ॥ मरुथलमें भी जल बरसाठी, निर्वलमें भी बल वरसादो, जंगल में मंगल वरसाना । जीवन दो सुखधाम, दिखा दो अपनी झाँकी राम ॥ २ ॥ दे दो अपनी करुणा का कण, सीख सकें पूरा करना प्रण, रहे न कोई जग में रावण | रहे न जीवन श्याम, दिखा दो अपनी झाँकी राम ॥ ३ ॥ मर्यादा पर मरना सीखे, विपदाओं को तरना सीखें, दुनिया का दुख हरना सीखें | लेकर तेरा नाम, दिखादो अपनी झाँकी राम ॥ २ ॥

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