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सत्य-संगीत
राम
दिखा दो अपनी झाँकी राम !
कायर मनमें साहस ललढो, वैभवका कुछ त्याग सिखाटो, दुखमें भी हँसना सिखलादो, हो जीवन निष्काम,
दिखादो अपनी झॉकी राम ॥ १ ॥
मरुथलमें भी जल बरसाठी, निर्वलमें भी बल वरसादो, जंगल में मंगल वरसाना । जीवन दो सुखधाम,
दिखा दो अपनी झाँकी राम ॥ २ ॥
दे दो अपनी करुणा का कण, सीख सकें पूरा करना प्रण, रहे न कोई जग में रावण | रहे न जीवन श्याम,
दिखा दो अपनी झाँकी राम ॥ ३ ॥
मर्यादा पर मरना सीखे, विपदाओं को तरना सीखें,
दुनिया का दुख हरना सीखें | लेकर तेरा नाम,
दिखादो अपनी झाँकी राम ॥ २ ॥