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मेरी कहानी
मेरी कहानी
[ १ ] सुनता मेरी कौन कहानी | दीवाना कहती है मुझको यह दुनिया दीवानी || सुनता मेरी कौन कहानी ||
[ २ ]
रस रस की बतियाँ न यहा है और न रूठी रानी । सूख गई अखियाँ वह वह कर सुखा उनका पानी । सुनता मेरी कौन कहानी ||
[ ३ [
है कर्तव्य कठोर बना है वालक मन भी ज्ञानी । दुनिया ऊँघे अथवा यूँके कर लूगा मनमानी ॥ सुनता मेरी कौन कहानी ॥
[ ४ ]
किसे सुनाऊ गाल बजा नई बनेगी ऐसी
कर दुनिया हुई पुरानी । सयानी ॥
दुनिया होगी परम सुनता मेरी कौन कहानी ॥
[ ५ ]
छोड चलूग झूठी दुनिया अपनी हो कि बिरानी । मैं ही श्रोता रहूं मगर अब सच कहने की ठानी ॥ सुनता मेरी कौन कहानी ॥
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