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झरना
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झरना
बहादे छोटा सा झरना ॥ प्यासा होकर सोच रहा हू कैसे क्या करना ?
वहादे छोटा सा झरना ।
(२)
मरु-थल चारों ओर पड़ा है,
बालू का ससार खड़ा है। बूंद बूंट की दुर्लभता मे, कैसे रस भरना ?
वहादे, छोटा सा झरना ॥
नयन-नीर बरसाना होगा,
मानस को भर जाना होगा, शीतल मद सुगध पवन से जगत्ताप हरना,
वहादे, छोटासा झरना ॥
मेरी थोडी प्यास बुझादे,
छोटासा ही झरना लादे। चमन बना दूगा इस मरु को भले पडे मरना,
वहादे छोटासा झरना ॥