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________________ मेरी कहानी मेरी कहानी [ १ ] सुनता मेरी कौन कहानी | दीवाना कहती है मुझको यह दुनिया दीवानी || सुनता मेरी कौन कहानी || [ २ ] रस रस की बतियाँ न यहा है और न रूठी रानी । सूख गई अखियाँ वह वह कर सुखा उनका पानी । सुनता मेरी कौन कहानी || [ ३ [ है कर्तव्य कठोर बना है वालक मन भी ज्ञानी । दुनिया ऊँघे अथवा यूँके कर लूगा मनमानी ॥ सुनता मेरी कौन कहानी ॥ [ ४ ] किसे सुनाऊ गाल बजा नई बनेगी ऐसी कर दुनिया हुई पुरानी । सयानी ॥ दुनिया होगी परम सुनता मेरी कौन कहानी ॥ [ ५ ] छोड चलूग झूठी दुनिया अपनी हो कि बिरानी । मैं ही श्रोता रहूं मगर अब सच कहने की ठानी ॥ सुनता मेरी कौन कहानी ॥ [ ८१
SR No.010833
Book TitleSatya Sangit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarbarilal Satyabhakta
PublisherSatyashram Vardha
Publication Year1938
Total Pages140
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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