Book Title: Samyag Darshan Part 06
Author(s): Kundkund Kahan Parmarthik Trust Mumbai
Publisher: Kundkund Kahan Parmarthik Trust Mumbai
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(xv)
लेख
केवलज्ञान का निर्णय कौन कर सकता है ?...............
सम्यक्त्व, वीतरागभाव है....
स्वभाव के अनुभवशील और विभाव के ..
आत्मा में गहरे-गहरे.... संसार से दूर-दूर. पञ्चम काल भी धर्म काल है..
समकित सावन आयो ...
सर्वज्ञस्वभावी आत्मा..
श्रावक के इक्कीस गुणों का वर्णन.. उलझन और शान्ति..
दान..
पुण्य-पाप के सच्चे न्याय अनुसार.. आत्मा के सर्वज्ञस्वभाव की अद्भुतता...
[ सम्यक्त्व सम्बन्धी लेखमाला ]
सम्यक्त्व - जीवन (लेखांक - 9).
आत्मा को जाने बिना सब निष्फल है (लेखांक 10 ) ........
(लेखांक 11).........
(लेखांक 12 )...
जिज्ञासु का प्रथम कर्तव्य जिज्ञासु का प्रथम कर्तव्य..
शीघ्रता से आनन्दधाम..... ( लेखांक 13). आत्मसन्मुख जीव (लेखांक 14).
सम्यक्त्व का अपूर्व क्षण (लेखांक 15 ).
अप्रतिहत मुमुक्षु दशा (लेखांक 16 ) ..
आनन्दमय स्वानुभूति प्रकाश...............
Shree Kundkund - Kahan Parmarthik Trust, Mumbai.
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