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विजयशंकर शुक्ल
SAMBODHI
अन्तर्गत ५२५२ पाण्डुलिपियों का विषयक्रम में विवरण है। इसे ग्रन्थावलि संख्या २५४ पर स्थान मिला । चतुर्थ सम्पुट एवं पञ्चम सम्पुट का प्रकाशन डॉ. के. विश्वेश्वरि अम्म के संयुक्त सम्पादकत्व में १९८६ तथा १९८८ में पूर्ण हुआ जिसमें वेद, आगम, मन्त्र आदि की क्रमशः २२१७ एवं ४६४२ पाण्डुलिपियों की सूची है। इसी के साथ १९९५ में छठा एवं २००० में सातवें भाग का प्रकाशन डॉ. के. विजयन् तथा डॉ. पि. विशालाक्षि एवं डॉ. आर् गिरिजा के सम्पादन के साथ पूर्ण हुआ । यहाँ तक ३५०६० पाण्डुलिपियों की सूची प्रकाशित
की गई। १९५८ : १९५८ में नागपुर (महाराष्ट्र) विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में सुरक्षित संस्कृत
पाण्डुलिपियों की सूची का प्रथम भाग व्ही. डब्ल्यू० करमबेलकर ने संकलित किया। जिसका प्रकाशन विश्वविद्यालय द्वारा किया गया। इसमें २५०० पाण्डुलिपियों का विवरण
दिया गया है। १९५८-१९७९ : पाण्डुलिपियों की दृष्टि से उड़ीसा एक समृद्ध राज्य है जहाँ अब भी ताड़पत्र पर लेखन
की परम्परा है। उड़ीसा राज्य संग्रहालय, भुवनेश्वर में ताड़पत्र के ग्रन्थों का अच्छा संग्रह . है जिनमें अथर्ववेद की पिप्पलाद शाखा एवं शौनक शाखा की पाण्डुलिपियाँ ताड़पत्र में उपलब्ध हैं । अद्भुतसागर की पाण्डुलिपि भी ताड़पत्र में यहाँ देखी जा सकती है। यहाँ के संग्रह की सूची का प्रथम भाग A Descriptive Catalogue of Sanskrit Manuscripts of Orissa in the collection of the Orissa State Museum, Bhubaneshwar शीर्षक से १९५८ में प्रकाशित हुआ जिसे केदारनाथ महापात्र एवं बी. वी. नाथ ने सम्पादित किया था। इस भाग में स्मृतियों की २५७ पाण्डुलिपियों की सूची है। श्रीमहापात्र ने इस सूची के साथ एक विस्तृत भूमिका भी दी है, जिसमें उड़ीसा के स्मृतिकारों का भी परिचय दिया गया है। इसी क्रम में भाग-२ एवं भाग-३ का सम्पादन भी श्री केदारनाथ महापात्र जी ने किया जिसका प्रकाशन १९६२ एवं १९६३ में हुआ। चतुर्थ भाग का प्रकाशन १९६५ में हुआ एवं इसका सम्पादन श्री महेशप्रसाद दास ने किया। इन्होंने भाग-४ की सूची में तन्त्र विषय पर एक विस्तृत भूमिका के साथ-साथ उड़ीसा में तन्त्र के उद्भव एवं तान्त्रिक ग्रन्थों के विषय में परिचय दिया है। इन सूचियों के माध्यम से संग्रह में उपलब्ध पुराण, ज्योतिष एवं गणित आदि के लगभग एक हजार हस्तलेख सामने आये । १९७३ एवं १९७४ में यहाँ की पाण्डुलिपियों की सूची An Alphabetical Catalogue of Sanskrit Manuscripts, Part-I yd Part-II प्रकाशित हुजा जिसे श्री नीलमणि मिश्र ने संगृहीत एवं सम्पादित किया था । इस सूची के माध्यम से उड़ीसा राज्य संग्रहालय की ५८१७ पाण्डुलिपियों से परिचय हुआ जो संस्कृत वाङ्मय के विभिन्न विषयों में सम्बन्धित हैं । संगीत, शिल्प एवं आयुर्वेद की
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