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रायचन्द्रजैनशास्त्रमालायाम
[चतुर्थोऽध्यायः
सूत्र-नारकाणां च द्वितीयादिषु ॥ ४३ ॥ भाष्यम्-नारकाणां च द्वितीयादिषु भूमिषु पूर्वा पूर्वा परा स्थितिरनन्तरा परतः परतोऽपरा भवति। तद्यथा-रत्नप्रभायां नारकाणामेकं सागरोपमं परा स्थितिः।सा जघन्या शर्कराप्रभायाम् । त्रीणि सागरोपमाणि परास्थितिः शर्कराप्रभायां सा जघन्या बालुका प्रभायामिति । एवं सर्वासु । तमःप्रभायां द्वाविंशतिः सागरोपमाणि परा स्थितिः सा जघन्या महातमःप्रभायामिति ॥
अर्थ-नारक-भूमियोंमें भी नारक जीवोंकी जघन्य स्थितिका क्रम वही है, जो कि पूर्व सूत्रमें देवोंके विषयमें बताया है। अर्थात् पहली पहली भूमिमें नारक-जीवोंकी जो अव्यवहित परा--उत्कृष्ट स्थितिका प्रमाण है, वही आगे आगेकी अव्यवहित भूमिमें जघन्य स्थितिका प्रमाण हो जाता है। यह क्रम द्वितीयादिक भूमियोंमें रहनेवाले नारकोंके विषयमें ही है । जैसे कि पहली भूमि-रत्नप्रभा नारकोंकी उत्कृष्ट स्थितिका प्रमाण एक सागरोपम है, वही आगेकी अव्यहित दूसरी भूमि-शर्कराप्रभाके नारकोंकी जघन्य स्थितिका प्रमाण है । शर्कराप्रभामें नारकोंकी उत्कृष्ट स्थितिका प्रमाण तीन सागर है, वही आगेकी अव्यवहित तीसरी भूमि वालुकाप्रभामें नारकोंकी जघन्य स्थितिका प्रमाण है । यही क्रम अन्ततक-सातवी भूमितक सभी भूमियोंके विषयमें समझना चाहिये । इस क्रमके ही अनुसार छट्ठी भूमिमें जो उत्कृष्ट स्थितिका प्रमाण बाईस सागरोपम है, वहीं छठेसे अव्यवहित आगेकी-सातवीं भाभिके नारकोंकी जघन्य स्थितिका प्रमाण समझना चाहिये।
भावार्थ-इस स्थितिके विषयमें यह बात विशेषरूपसे जाननेकी है, कि सातवीं भूमिमें पाँच बिल-नरक हैं, जिनमेंसे चार चारों दिशाओंमें हैं, और एक चारोंके मध्यमें है, जिसको अप्रतिष्ठान नरक कहते हैं। चार दिशाओंके जो चार बिल हैं, उनमें जघन्य ३२ सागर और उत्कृष्ट ३३ सागर प्रमाण स्थिति है। किन्तु मध्यके अप्रतिष्ठान नरकमें जघन्य उत्कृष्ट भेद नहीं है । वहाँपर उत्पन्न होनेवाले या रहनेवाले नारकोंकी अजघन्योत्कृष्ट स्थिति तेतीस सागरकी ही है।
___ इस सूत्रमें द्वितीयादिक भूमियोंकी जघन्य स्थितिका प्रमाण बताया है, किन्तु पहली भूमिकी जघन्य स्थितिका प्रमाण अज्ञात ही रह जाता है, अतएव उसको भी बतानेके लिये सूत्र करते हैं:
सूत्र-दश वर्षसहस्राणि प्रथमायाम् ॥ ४४ ॥ भाष्यम्-प्रथमायां भूमौ नारकाणां दश वर्षसहस्राणि जधन्या स्थितिः।
अर्थ-पहली भूमि-रत्नप्रभामें उपपन्न नारकोंकी जघन्य स्थितिका प्रमाण दश हजार वर्षका है।
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