Book Title: Prashamrati Prakaran Ka Samalochanatmak Adhyayan
Author(s): Manjubala
Publisher: Prakrit Jain Shastra aur Ahimsa Shodh Samthan

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Page 33
________________ 24 प्रशमरति प्रकरण का समालोचनात्मक अध्ययन 45. वही, 16, का० 245-247, पृ० 169 - 171 46. वही, 17, का० 248-250, पृ० 172 - 173 47. वही, 18, का0 151-272, पृ० 174 - 186 48. वही, 19, का० 273-276, पृ० 186 - 188 . वही, 20, का० 277-283 पृ० 189 - 195 50. वही, 21, का० 284-298, पृ० 196 - 205 51. वही, 22, का० 299-309, पृ० 206 - 213 52. वही, 22, का० 310 - 313, पृ० 213 - 215 53. डॉ० नेमिचन्द्र शास्त्री : प्राकृत भाषा और साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास, पृ० 463 54. याकोबी द्वारा लिखित समराइच्चकहा की प्रस्तावना, पृ० 2 55. देखें -आचार्य हरिभद्र : प्राकृत कथा साहित्य का आलोचनात्मक अध्ययन, समय निर्णय 56. डॉ० नेमिचन्द्र शास्त्रीः प्राकृत भाषा और साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास, पृ० 464 - 465 57. आचार्य कुन्दकुन्द : पंचास्तिकाय, श्री रायचन्द्र आश्रम, आगास द्वारा प्रकाशित, गा० 172 - 173, पृ० 245 - 252 58. प्रशमरति प्रकरण, प्रथमाधिकार का० 17, पृ० 15 59. प्रशमरति प्रकरण, 1, का० 2, पृ० 3 60. प्रशमरति प्रकरण, 22, का० 309, पृ० 213 61. वही देखें, का० 310-11, पृ० 213 - 214

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