Book Title: Prashamrati Prakaran Ka Samalochanatmak Adhyayan
Author(s): Manjubala
Publisher: Prakrit Jain Shastra aur Ahimsa Shodh Samthan
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दूसरा अध्याय मूर्त और अमूर्त की अपेक्षा : ____ मूर्त और अमूर्त की अपेक्षा द्रव्य के दो भेद है 81 - (1) मूर्त द्रव्य (2) अमूर्त द्रव्य । मूर्त द्रव्य :
जिसमें रुप, रस, गन्ध और स्पर्श इन्द्रियों के विषय में पाये जाते हैं, उसे मूर्त द्रव्य कहते
हैं।
अमूर्त द्रव्य : __ जिस द्रव्य में रुप, रस, गन्थ शब्द और स्पर्श नहीं पाया जाता है, वह अमूर्त द्रव्य है। मूर्तिक द्रव्य एक है और वह है पुद्गल । जीव, धर्म, अधर्म, आकाश और काल - ये पाँच अमूर्तिक हैं, क्योंकि उनमें स्पर्श, रस, गन्थ, रुप और शब्द नहीं है। केवल पुद्गल मूर्तिक हैं क्योंकि इसमें स्पर्श, रस, गन्ध,रुप तथा शब्द विद्यमान है।
द्रव्य
अमूर्त
पुद्गल
जीव
धर्म
अधर्म
आकाश
काल
सकिय और निष्क्रिय की अपेक्षा :
सक्रिय और निष्क्रिय की अपेक्षा द्रव्य दो प्रकार का होता है- (1) सक्रिय (2) निष्क्रिय। सकिय द्रव्य :
जिस द्रव्य में हलन-चलन की क्रिया होती है, वह सक्रिय द्रव्य कहलाता है। जैसे जीव और पुद्गल। निष्क्रिय द्रव्य :
हलन-चलन की क्रिया से जो रहित है, वह निष्क्रिय द्रव्य है । धर्म, अधर्म, आकाश और