Book Title: Prashamrati Prakaran Ka Samalochanatmak Adhyayan
Author(s): Manjubala
Publisher: Prakrit Jain Shastra aur Ahimsa Shodh Samthan

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Page 95
________________ 86 प्रशमरति प्रकरण का समालोचनात्मक अध्ययन प्रशमरति प्रकरण, 22, का० 308 की टीका, पृ० 210 143. वही, 22, का० 302 की टीका, पृ० 208 144. स्थूलात् प्राणात्पाताद्विरतिः प्रथममणव्रतम । स्थूला वादरा प्राणिनो............प्रथमणुव्रत। प्रशमरति प्रकरण, 22, का० 303 की टीका, पृ० 208 - 145. स्थूलमन्ततं ..... तस्माद्विरति न परिहासादि भाषणातां। वही, 22, का० 303 की टीका, पृ० 208 146. चौर्यमदत्तस्यादानं स्थूलम्, यस्मिन्न पट्टले चौर्यमिति हृण्यपदिश्चते, तत्स्थूलम्। - प्रशमरति प्रकरण, 22, का0 303, पृ० 208. 147. तस्माद्विरतिः। परदार निवृत्ति व्रतस्य तु पर परिगृहीत स्त्री परिहारः, न तु वेश्या परिहारः। वही, 22, की टीका, पृ० 148. सततं सर्वदा रतिर्विषयेषु प्रीतिः, अरतिरुद्वेगो ........... तस्माद्विकरतिरणुव्रतम् । प्रशमरति प्रकरण, 22, का० 303, पृ० 208 149. दिग्व्रतं ...... चतुर्मास्यादिषु स गृहनति । वही, 22, का०303, पृ० 208 150. तथा देशावकाशिंक व्रतं प्रतिदिवसमध्ये एतावती मर्यादा......... कल्पयति देशावकाशिकं व्रतम् । प्रशमरति प्रकरण, 22, का० 303, पृ० 208 151. अनर्थदण्डविरतिव्रतम् ........... तस्माद्विरतिव्रतम् । वही, पृ० 208 ... 152. सामायिक प्रतिक्रमणम्। वही, 22, का 304 की टीका, पृ० 208 , 153. तथा पोषथव्रतं कृत्वा ...........अष्टमी पोर्णमास्यादिषु क्रियते। 154. उपभोग परिमाणव्रतमुपभोगः ........... परिमाणत्वातः। वही,22, का 304, की टीका, 208-209 155. तथाऽन्योऽतिथि संविभागः .............स्वयमिति। प्रशमरति प्रकरण, 22, का० 304 की टीका, पृ० 209। 156. चैत्यं चितयः प्रतिमा इत्येकार्यः.............. .............. संस्करण चित्र कर्माणि चेति। प्रशमरति प्रकरण, 22, का० 305, की टीका, पृ० 209 157. मारणान्तिक संलेखनाकाले ......... दोष रहिता कृत्वेति सम्बन्थ्य । वहीं, 22, का० 306, पृ० 209 158. प्रशमरति प्रकरण, 22, का० 307-308, पृ० 210 159. (क) इत्येवं प्रशमरतेः फलमिह ........ उत्तर गुणाठ्यैः। प्रशमरति प्रकरण, 22, का०

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